जिन्हें आप ज्ञानी समझते हैं वो ज्ञानी नहीं || आचार्य प्रशांत संवाद || आचार्य प्रशांत
जिन्हें आप ज्ञानी समझते हैं वो ज्ञानी नहीं !
आज निरालंब उपनिषद शृंखला की का सातवाँ दिन है और आज की कड़ी में शिष्यों ने ऋषि से प्रश्न किया है |1. ज्ञान क्या है?
2. अज्ञान क्या है?
इसप हमारे ऋषि ने जो उत्तर दिया है वो शायद आपको चौंका देगा!
हमारे लिए ज्ञान का मतलब होता है: किताबें पढ़ना, डिग्री हासिल करना, शब्द-कोश से निकाल कर बड़े-बड़े शब्दों का इस्तेमाल करना, धाराप्रवाह अंग्रेज़ी या शुद्ध हिन्दी में बात करना, ऐसे लोगों को ही हम ज्ञानी कहते हैं न ?
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और उपनिषद में ऋषि हमें बताते हैं: दुनिया में बदलने वाली सभी वस्तुओं में एक ही ना-बदलने वाला तत्त्व वास करता है, ऐसा जानना ही ज्ञान है।
उनकी ज्ञान की परिभाषा सुनकर आप समझ ही गए होंगे कि 'अज्ञान' क्या है।
आजतक आप जीतने लोगों को ज्ञानी समझते आए थे,
ऋषि ने एक बार में सभी को अज्ञानी घोषित कर दिया!
आजतक आपको ज्ञान हासिल करने के जीतने तरीके पता थे,
ऋषि ने एक बार में सभी को निरर्थक घोषित कर दिया!
लेकिन अब...
🔸 वास्तविक ज्ञान कैसे मिले ?
🔸 कोई भी सच में ज्ञानी कैसे बने ?
🔸 जीवनशैली में क्या बदलाव लाएँ जिससे अज्ञान से बचें?
यदि ये सभी सवाल आपके लिए जरूरी हैं तो आज का भाग ज़रूर पूरा करें।
Note :- आचार्य प्रशांत की ऑफिशियल साइट नहीं है | यहां पर आपको डेली आचार्य प्रशांत के द्वारा दिए गए निर्देश मिलेंगे आपका पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |
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