" आचार्य जी, जाति के विषय पर उपनिषद क्या कहते हैं ? " || आचार्य प्रशांत संवाद || आचार्य प्रशांत

 

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हम उपनिषदों की ताकत को समझते ही नहीं!

आज निरालंब उपनिषद शृंखला की छठी कड़ी से आपको परिचित करवाएंगे। ये भाग बहुत खास है क्योंकि आज उपनिषद में शिष्यों ने ऋषि से पूछा है, "जाति क्या है?"

जी हाँ! उपनिषदों ने इस विषय पर भी चर्चा की है और बहुत-सी भ्रांतियों को तोड़ने का प्रयास किया है।

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जब कभी समाज में जाति के प्रश्न पर बवाल खड़ा होता है तो बड़ी आसानी से लोग इसे एक 'धार्मिक' कुप्रथा बोलकर धर्म को गलत ठहराने की कोशिश करते हैं। लेकिन सनातन धर्म के ही उच्चतम ग्रंथ, उपनिषद, इस विषय पर क्या कहते हैं उसकी कभी बात नहीं करते।

बात करें भी तो कैसे?

क्योंकि ना धर्म के विरोधियों ने कभी उपनिषदों को गहराई से पढ़ा है,
ना तथाकथित समर्थकों ने!

हम उपनिषदों की ताकत को समझते ही नहीं। हम जानते ही नहीं कि उपनिषदों के सूत्रों से ना सिर्फ भीतरी आध्यात्मिक क्रांति संभव है, बल्कि सामाजिक और धार्मिक क्रांति भी हो पक्की है यदि हम उनको अपने जीवन में सही स्थान दें। उनका नियमित पाठ, प्रचार व प्रसार करें।

आज निरालंब उपनिषद से समझें:

🔸 जाति क्या है?
🔸 जाति का जन्म से कोई संबंध है?
🔸 जाति का कर्म से कोई संबंध है?
🔸 आधुनिक जगत में दिखने वाली जातिप्रथा सामाजिक है या धार्मिक?
🔸 जाति पर सनातन धर्म के उच्चतम ग्रंथ (उपनिषद) क्या कहते हैं?

यदि ऐसे सभी मुद्दों को गहराई से समझना चाहते हैं तो आज का भाग ज़रूर पूरा करें। हम जानते हैं इन विषयों पर बात करना 'कूल' नहीं है। लेकिन यदि आप उपनिषदों से दूरी रखने पर होने वाले नुकसान, और इस सामाजिक कुप्रथा के समाधान को भी समझना चाहते हैं तो भी ये भाग महत्वपूर्ण साबित होगा।

आज की कड़ी:

🔸 जाति प्रथा का सच!

इसके अतिरिक्त ब्रह्म, प्रकृति, जीव, कर्म व परमात्मा जैसे गूढ़ विषयों पर भी इस शृंखला में चर्चा की गई है। वे सभी भाग खास आपके लिए न्यूनतम सहयोग राशि पर हिन्दी व English, दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं, सभी भागों को अवश्य पूरा करें:

🔸 इस शृंखला के हिंदी कोर्स

🔸 English courses of this series

पुनश्च: भूलिएगा नहीं, आप कार्ट में ऐड कर सभी कोर्सेस के लिए एक साथ भी रजिस्टर कर सकते हैं।

चेतावनी :- आचार्य प्रशांत की ऑफिशियल साइट नहीं है, यदि हमसे कोई गलती हुई हो तो क्षमा करें और आपका पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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